नई दिल्ली. वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के बीच सोने के दाम में लगातार तेजी देखने को मिल रही है. दुनियाभर
निवेशक सोने में निवेश
करने पर जोर दे रहे है. बीते दिन ही Jefferies के ग्लोबल इक्विटी हेड
क्रिस्टोफर वुड (Christopher Wood) ने कहा कि सोने के दाम में मौजूदा तेजी
जारी रहेगी और यह 5,500 डॉलर प्रति आउंस के स्तर पर पहुंच सकता है. मौजूदा
स्तर से देखें तो यह 180 फीसदी ज्यादा है, जबकि 2020 के शुरुआत में वुड
द्वारा ही लगाये गये अनुमान से 31 फीसदी से ज्यादा है. इस साल के शुरुआत
में वुड ने अनुमान लगाया था कि गोल्ड का भाव 4,200 डॉलर प्रति आउंस के स्तर
तक पहुंच सकता है. उन्होंने यह अनुमान अमेरिकी पर कैपिटा डिस्पोजेबल इनकम
(US Per Capita Disposable Income) के आधार पर लगाया था. यह जनवरी 1980 में
सोने के भाव 850 डॉलर प्रति आउंस के आधार पर कैलकुलेट किया गया था. आज हम
वुड के अनुमान के आधार पर जानने की कोशिश करेंगे भारत में कैसे 1.46 लाख
रुपये प्रति 10 ग्राम तक सोने का दाम पहुंच सकता है.
किस आधार पर वुड ने यह अनुमान लगाया है?
वुड ने इन्वेस्टर्स को लिखे एक नोट में अपने इस अनुमान का
तर्क दिया है कि उस दौरान गोल्ड का भाव यूएस डिस्पोजेबल इनकम पर कैपिटा का
9.9 फीसदी था, जो कि 8,547 डॉलर पर था. अब अमेरिका में सोने का मौजूदा भाव
53,747 डॉलर के पर कैपिटा डिस्पोजेबल इनकम का 3.6 फीसदी है. फिलहाल यूएस
में सोने का भाव 1,952 डॉलर के करीब है. जनवरी 1980 के 9.9 फीसदी के स्तर
पर पहुंचने के लिए गोल्ड का भाव 5,345 डॉलर होना चाहिए. इसका मतलब है कि
5,500 डॉलर प्रति आउंस का भाव मौजूदा स्थिति को देखते हुए तर्कसंगत है.
इन ब्रोकरेज फर्म्स को भी तेजी की उम्मीद
अन्य
प्रमुख ब्रोकरेज फर्म्स भी वुड की बात से सहमति रखते हैं. BoFA
सिक्योरिटीज फंंड मैनेजर सर्वे (FMS) ने अगस्त के लिए कहा है कि गोल्ड में
ग्लोबल फंड मैनेजर्स लिए दूसरा सबसे क्राउडेड ट्रेड है. इस सर्वे में 23
फीसदी मैनेजर्स का मानना है कि गोल्ड में तेजी अभी भी जारी रहेगी. क्रेडिट
सुईस वेल्थ मैनेजमेंट (Credit Suisse Wealth Management) का मानना है कि
लंबी अवधि के लिए सोने में तेजी आएगी. उनका मानना है कि डॉलर में कमजोरी
दर्ज की जा रही है और रियल यील्ड में भी कमी आ रही है, जिससे सोने में
मजबूती जारी रहेगी.
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